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Comments on मेरे हृदय की व्यथा ( रूहानी प्रेम)
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सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
9 Apr 2021 10:07 AM
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जी हां,हम सभी उस परमात्मा के ही प्रकाश हैं,उसी में समा जाते हैं। बहुत सुंदर, आपको सादर अभिवादन।
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जी हां,हम सभी उस परमात्मा के ही प्रकाश हैं,उसी में समा जाते हैं। बहुत सुंदर, आपको सादर अभिवादन।