सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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5 Apr 2021 08:21 PM
आदरणीय आपने सही कहा, राजनीतिक पार्टियां अति भ़षट है, स्वार्थ के कारण, निर्णय लेने में दिक्कत होती है, लेकिन कभी न कभी आर पार की लड़ाई करनी होगी, अन्यथा यह आतंकवाद से भी आगे निकल गए हैं।आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर।
राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए गरीब एवं दलित युवाओं को बरगला कर शासन विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों में संलग्न रहने के लिए प्रेरित करने में वामपंथियों की सोची समझी साजिश है। जिसमें देश में अस्थिरता पैदा करने के लिए विदेशी ताकतों का भी हाथ है। शासन को इस प्रकार के तत्वों को चिन्हित कर राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर उठकर कठोर से कठोर कार्यवाही कर इन्हें समूल नष्ट करने की आवश्यकता है। हम अपने सुरक्षाकर्मियों के निरर्थक प्राणों की हानि अब सहन नहीं कर सकते हैंं। एक सशस्त्र अभियान के तहत कार्यवाही कर नक्सलवाद को समूल नष्ट करना होगा। आतंकियों से राजनीतिक स्वार्थ के लिए सद्भावना की विचारधारा रखने वालों को भी उजागर कर देश के सामने लाना होगा।
धन्यवाद !