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प्रेम सृष्टि का सार है । प्रेम सहज व्यवहार । जितना हो विस्तारिए ।यही मनुज व्यापार ।
परम उत्तम ।

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बहुत सुंदर सर, आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर

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