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दिल ने सदमे बहुत उठाएं हैं , आप फिर भी अभी पराए हैं , छलनी छलनी हुए हैं जिस्मो जाँ , तीर क्यूँ बेनिशाँ लगाए हैं , आप रास्ता न भूल जाएं कहीं , आंसुओं के दीए जलाएं जलाएं हैं , वक्त से पहले रोज़े हश्ऱ आया , आपने क्यूँ नकाब उठाएं हैं , कहकशां है गुब़ारे राह मेरा , किसने ये रास्ते सजाएंं हैं , श़ुक्रिया !

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