Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

?? हे रूप मंजरी देख तुम्हें
मन में ना कोई भाव जगा
मैं व्यक्ति सिद्धांतवादी हूँ
अपने पर ज़्यादा भाव ना खा
हाँ देख लेता कभी तुम्हें
पर मैं इश्कबाज़ नहीं ।?? बहुत उम्दा आदरणीय सर्वेश यादव जी ।??हमारी रचना “ये खत मोहब्बत के” पर भी प्रकाश डालें पसंद आये तो अवलोकन कर वोट भी करें ।??? मैं आपकी रचना को पूर्व में ही वोट दे दिया हूँ । ध्यान रहे ।????? मुझे आपके वोट का इंतजार कर रहेगा महोदय ।?????

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
13 Feb 2021 07:08 PM

???

Loading...