सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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20 Jan 2021 09:55 PM
आपको सादर प्रणाम,आपके आशीर्वाद से मुझे बहुत प्रेरणा मिलती है।मैं बहुत आभारी हूं। बहुत बहुत धन्यवाद सर।
मनुष्य की फितरत में यह कैसे समा गया है कि चाहे साथ ना भी ले जा सके, बच्चों की सात पीढ़ियों के लिए हो जाए,बस इसी में जुटा हुआ है!सादर प्रणाम सच से रूबरू कराने के लिए।