बहुत खूब ! शोला था जल बुझा हूं पर मुझ में चिंगारी बाकी है , जब भड़केगी आग बनकर कर देगी राख सब जलाकर अभी वो जज़्बा बाकी है , खामोश माहौल से मुतमईन ना हो अभी तूफान का आगाज़ बाकी है ,
श़ुक्रिया !
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Wah
बहुत खूब !
शोला था जल बुझा हूं पर मुझ में चिंगारी बाकी है ,
जब भड़केगी आग बनकर कर देगी राख सब जलाकर अभी वो जज़्बा बाकी है ,
खामोश माहौल से मुतमईन ना हो अभी तूफान का आगाज़ बाकी है ,
श़ुक्रिया !