मैं बेंगलुरु में रहता हूं , जो उद्यानों का शहर के नाम से प्रसिद्ध है। परंतु विगत कुछ वर्षों से वृक्षों की कटाई एवं अंधाधुन्ध निर्माण कार्य से इसकी प्राकृतिक छवि धूमिल हो रही है। जनसंख्या की वृद्धि एवं वाहनों की संख्या में वृद्धि एवं पर्याप्त विकास के अभाव में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है। शहरी क्षेत्रों के अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में पर्यावरण संतुलित देखा जा सकता है।
मैं बेंगलुरु में रहता हूं , जो उद्यानों का शहर के नाम से प्रसिद्ध है। परंतु विगत कुछ वर्षों से वृक्षों की कटाई एवं अंधाधुन्ध निर्माण कार्य से इसकी प्राकृतिक छवि धूमिल हो रही है। जनसंख्या की वृद्धि एवं वाहनों की संख्या में वृद्धि एवं पर्याप्त विकास के अभाव में वायु एवं ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है। शहरी क्षेत्रों के अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में पर्यावरण संतुलित देखा जा सकता है।