सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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24 Sep 2020 07:45 AM
आपने बहुत सुंदर लिखा है आपको सादर अभिवादन
सुधर जाओ जनप्रतिनिधि ,कहती जनता अंतिम बार है।
पुनरावृत्ति अब न करना , यह अनुचित व्यवहार है ।
परोक्ष नहीं यह तो , प्रत्यक्ष ही जनता का अपमान है ।
किस मुंह से कहें दुनिया को हम कि मेरा भारत महान है ।
सुसंस्कारित कार्यों से , भारत विश्वगुरू कहलाता है ।
पता नहीं इस तरह का कुसंस्कार कहां से आता है ।
कवि महोदय को साधुवाद