सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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15 Jul 2020 01:52 PM
सही बात है, लेकिन भारत में भावना किसी न किसी तरह जीवंत रहेगी। आपका हृदय से आभार धन्यवाद।
उपदेश से युक्त रचना है, किन्तु वर्तमान में लोग सबसे ज्यादा परहेज इसी से करते हैं। अब इसे स्वयं में धारण करके अनुशरण को प्रेरित करने का विकल्प बचा है।