मोहब्बत जब जवान होती है। आशिकों पर मेहरबान होती है। इसका जब चढ़ता है हुस्न और इश्क का खुमार। दिल में बेचैनी बेशुमार होती है। ना होती है उम्र की फिक्र ना ज़माने की रुसवाई का डर। जब हर तमन्ना जवान होती है। हर घड़ी इश्क़ के इम्तिहान की होती है।
श़ुक्रिया !
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शुक्रिया श्याम जी!
मोहब्बत जब जवान होती है।
आशिकों पर मेहरबान होती है।
इसका जब चढ़ता है हुस्न और इश्क का खुमार।
दिल में बेचैनी बेशुमार होती है।
ना होती है उम्र की फिक्र ना ज़माने की रुसवाई का डर।
जब हर तमन्ना जवान होती है।
हर घड़ी इश्क़ के इम्तिहान की होती है।
श़ुक्रिया !