उस ख़ुदा का श़ुक्र अदा कर जिसने तुझे यह ज़िंदगी अता की है। माना कुछ ग़म पर ढेरों खुशियां उसने तुझे दी और हर बार तेरी खता मुआफ़ की है।
श़ुक्रिया !
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वाह! वाह!! श्याम जी, क्या बात है?
उस ख़ुदा का श़ुक्र अदा कर जिसने तुझे यह ज़िंदगी अता की है।
माना कुछ ग़म पर ढेरों खुशियां उसने तुझे दी और हर बार तेरी खता मुआफ़ की है।
श़ुक्रिया !