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4 Jul 2020 11:17 AM

भारतीय सैनिकों की वीरता एवं बलिदान की बात नहीं नहीं है, उन्हें पुरी सामर्थ्य के साथ लड़ना आता है, यहां तक कि खाली हाथ भी वह हार नहीं मानते, और जब तक शरीर साथ दे सकता है,वह अडिग रहते हैं, यह उन्होंने बासठ में भी दिखाया था और अब दो हजार बीस में भी कर दिखाया है, तो इनके पराक्रम पर तो किसी प्रकार का विवाद हो ही नहीं सकता है, ऐसे रणबांकुरों को सदा नमन करने को तत्पर हैं

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आपको सादर नमस्कार धन्यवाद आपका

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