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पीर हरे जो जन जन की वे गीत धरा पर गाएं,
नाता नहीं रहा दर्द से कैसे गीत सुनाऊं। बहुत सुंदर भाव है

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29 Jun 2020 12:23 PM

Bahut accha kaha aapne dhanyawad

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