सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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22 Jun 2020 01:08 PM
आदरणीय कश्मीर से विस्थापित परिवारों को समाज के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है आपको सादर प्रणाम धन्यवाद
कश्मिरी पंडितों की करुण व्यथा को व्यक्त करके अपने तीस वर्ष पहले की यादों को ताजा कर दिया, उनकी इस व्यथा में समाज मौन ही रहा है और किसी भी सरकार ने उनके दुःख-दर्द को हल करने का ईमानदारी से प्रयास नहीं किया है, जिससे उनकी भावनाओं का आहत होना स्वाभाविक है,ना जाने कब तक उन्हें अपने अधिकारों से बंचित रहना पड़ेगा, दुखद है