गौरव बाबा
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6 May 2020 09:52 AM
प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद श्रीमान जी। मैंने आपका लेख पढ़ा जो कि वास्तव में अद्वितीय और अकल्पनीय है। यदि तुलनात्मक ढंग से देखा जाए तो मेरी और आपकी लेखनी की भावनाएं समान ही हैं। विचारों का विस्तृतवर्णन आपकी परिपक्वता को प्रदर्शित करता है। मैंने उन्ही भावों को संक्षेप में परोसा है।
आपके द्वारा प्रस्तुत विचारों का स्वागत है ।
परंतु मेरी विचार इस विषय में भिन्न है जिसे मैंने आतंकवाद शीर्षक से प्रकाशित किया है कमेंट बॉक्स में स्थानाभाव के कारण मुझे बाध्य होना पड़ा।
कृपया पोस्ट देखें और प्रतिक्रिया प्रस्तुत करें!
धन्यवाद !