पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
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1 May 2020 04:31 PM
वाहः बहुत खूब आदरणीय?
जिन गलियों को हम छोड़ चुके।
उन गलियों में लौट आने का इंतजार ना करना।
श़ुक्रिया !