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26 Jul 2016 01:19 PM

बादलों में कड़कती हुई
चाँदी जैसी चमकती हुई
शोर बिजली करे जोर से
शाम लगता मिली भोर से……….वाह ! सुंदर गीत हुआ है. बहुत बधाई.

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26 Jul 2016 06:33 PM

हार्दिक आभार आपका।

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