Dr Archana Gupta
Author
26 Jul 2016 06:33 PM
हार्दिक आभार आपका।
बादलों में कड़कती हुई
चाँदी जैसी चमकती हुई
शोर बिजली करे जोर से
शाम लगता मिली भोर से……….वाह ! सुंदर गीत हुआ है. बहुत बधाई.