सादर नमस्कार साहित्य पीडिया ग्रुप ..,पहली बार मैंने आपकी प्रतियोगिता में भाग लिया है और सच कहती हूं मैं इतनी खुश हूं सब की रचनाएं पढ़ रही हूं सब के विचार पढ़ रही हूं और यह भी जाना कि मैं तो सिर्फ मां होती है किसी की कविता में मां बूढ़ी है किसी की कविता में मां, अकेली है तो किसी की कविता में मां इस दुनिया से जा चुकी है, एक ऐसी स्त्री जो अपने संतान से बेहद प्यार करती है उस मां के लिए इतनी सारी रचनाएं पढ़ना सच में अपने आप में एक अनोखा अनुभव है! देर से ही सही पर मैं इस ग्रुप में आई यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है मैं आप सब से सीख रही हूं, और आशा करती हूं आगे भी सिखूंगी और साहित्य पीडिया ग्रुप को इतनी अच्छी प्रतियोगिता का आयोजन करने के लिए धन्यवाद देती हूं..!!
सादर नमस्कार साहित्य पीडिया ग्रुप ..,पहली बार मैंने आपकी प्रतियोगिता में भाग लिया है और सच कहती हूं मैं इतनी खुश हूं सब की रचनाएं पढ़ रही हूं सब के विचार पढ़ रही हूं और यह भी जाना कि मैं तो सिर्फ मां होती है किसी की कविता में मां बूढ़ी है किसी की कविता में मां, अकेली है तो किसी की कविता में मां इस दुनिया से जा चुकी है, एक ऐसी स्त्री जो अपने संतान से बेहद प्यार करती है उस मां के लिए इतनी सारी रचनाएं पढ़ना सच में अपने आप में एक अनोखा अनुभव है! देर से ही सही पर मैं इस ग्रुप में आई यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है मैं आप सब से सीख रही हूं, और आशा करती हूं आगे भी सिखूंगी और साहित्य पीडिया ग्रुप को इतनी अच्छी प्रतियोगिता का आयोजन करने के लिए धन्यवाद देती हूं..!!