आन मान और मर्यादा,सिर्फ तुमपर ही लादा जाता,
मछली को तैरना कौन सिखाता,कौन पंक्षी को उड़ना,
कुंठित,व्यथित मन की ये बाते,पुरुष समाज के कलंक को दर्शाते,
खुद का जरा इतिहास खंगाले,सती सावित्री को भी पहचाने,
सीता की अग्नि परीक्षा,सावित्री की पति प्राण रक्षा,
देखो तुम्हारी ये कुंठित बाते,बनी रही नारी के चरणों की धूल l
आन मान और मर्यादा,सिर्फ तुमपर ही लादा जाता,
मछली को तैरना कौन सिखाता,कौन पंक्षी को उड़ना,
कुंठित,व्यथित मन की ये बाते,पुरुष समाज के कलंक को दर्शाते,
खुद का जरा इतिहास खंगाले,सती सावित्री को भी पहचाने,
सीता की अग्नि परीक्षा,सावित्री की पति प्राण रक्षा,
देखो तुम्हारी ये कुंठित बाते,बनी रही नारी के चरणों की धूल l
शुभ प्रभात !!