बहुत खूब, आपने जाने-अनजाने में उन बेजुबानो से एक आत्मीय रिश्ता बनाया होगा, तभी घूटन, एक सत्यकथा महसूस हुई होगी।
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जी मनोज कर्ण जी आपने सही फरमाया। धन्यवाद
बहुत खूब, आपने जाने-अनजाने में उन बेजुबानो से एक आत्मीय रिश्ता बनाया होगा, तभी घूटन, एक सत्यकथा महसूस हुई होगी।