आपको जादूगर कहूंगी सर … कभी आप छोटे बच्चे बनकर,बच्चों की भावना को कविता में उकेर देते हैं। तो कभी बड़े बनकर समय के महत्व को बताते हैं कभी मित्र बनकर हंसाते हैं । आपकी लेखनी को नमन सर!
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आपको जादूगर कहूंगी सर …
कभी आप छोटे बच्चे बनकर,बच्चों की भावना को कविता में उकेर देते हैं।
तो कभी बड़े बनकर समय के महत्व को बताते हैं
कभी मित्र बनकर हंसाते हैं ।
आपकी लेखनी को नमन सर!