‘दुर्दशा’ काव्य संग्रह वर्तमान परिवेश में किसानों की मार्मिक दशा को दर्शाती हैं सक्षम अधिकारी होते हुए किसानों की मार्मिक ‘दुर्दशा’ पर आपकी गहरी अभिव्यक्ति जनमानस में किसानों की व्यथा पर समर्पित है….आपको कोटि-कोटि बधाई मंगलकामनाएं आदरणीय श्री किशन टण्डन क्रान्ति सर जी…
‘दुर्दशा’ काव्य संग्रह वर्तमान परिवेश में किसानों की मार्मिक दशा को दर्शाती हैं सक्षम अधिकारी होते हुए किसानों की मार्मिक ‘दुर्दशा’ पर आपकी गहरी अभिव्यक्ति जनमानस में किसानों की व्यथा पर समर्पित है….आपको कोटि-कोटि बधाई मंगलकामनाएं आदरणीय श्री किशन टण्डन क्रान्ति सर जी…