इस उपन्यास में अकाल पड़ने पर किसानों की स्थिति का वास्तविक जमीनी हकीकत का चित्रण किया गया है । साथ ही समाज में फैले छुआछूत,दादागिरी,दबंगई के बारे में भी सुक्ष्मता से हकीकत का चित्रण किया गया है।किसान से नेता बनकर किसानों की स्थिति हालत को प्रदेश सरकार को अवगत कराना भी बताया गया है।अधिकारी कर्मचारी लोग एक गरीब किसान के पास कैसे निम्न बरताव करते है इसका भी वर्णन किया गया कुलमिलाकर यह उपन्यास बहुत ही मार्मिक है।इसके लिए उपन्यासकार बहुत बहुत बधाई के पात्र हैं। इस उपन्यास को विश्वविद्यालय में पठन पाठन के लिए चयनित किया जाना चाहिए ताकि हर पीढ़ी के बच्चो को आर्थिक व सामाजिक ज्ञान हो
इस उपन्यास में अकाल पड़ने पर किसानों की स्थिति का वास्तविक जमीनी हकीकत का चित्रण किया गया है । साथ ही समाज में फैले छुआछूत,दादागिरी,दबंगई के बारे में भी सुक्ष्मता से हकीकत का चित्रण किया गया है।किसान से नेता बनकर किसानों की स्थिति हालत को प्रदेश सरकार को अवगत कराना भी बताया गया है।अधिकारी कर्मचारी लोग एक गरीब किसान के पास कैसे निम्न बरताव करते है इसका भी वर्णन किया गया कुलमिलाकर यह उपन्यास बहुत ही मार्मिक है।इसके लिए उपन्यासकार बहुत बहुत बधाई के पात्र हैं। इस उपन्यास को विश्वविद्यालय में पठन पाठन के लिए चयनित किया जाना चाहिए ताकि हर पीढ़ी के बच्चो को आर्थिक व सामाजिक ज्ञान हो