होता प्यार का अहद , होता सब पर रहम। गोकशी फिर क्यों होता ? चाहे कोई भी धर्म।
You must be logged in to post comments.
होता प्यार का अहद ,
होता सब पर रहम।
गोकशी फिर क्यों होता ?
चाहे कोई भी धर्म।