डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
Author
30 Jul 2022 02:42 PM
बहुत-बहुत आभार 😊💐 वैसे कविता का शीर्षक आपकी रचना से ही प्रेरित होकर लिया है जो कि एक बहुत सुंदर गाने की बोल है।
30 Jul 2022 03:14 PM
जी हाँ सर। हर आदमी एक दूसरे को देखकर ही आगे बढता है। यही हमारी सांस्कृति है ।मै भी तो आप सब से ही सीख रही हूँ।🙏🙏
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
Author
30 Jul 2022 03:41 PM
पुनः आभार 😊
बहुत सुंदर सर। लाजवाब ख्वाब। मेरी ईश्वर से विनती है की ऐसे ही आपके और मेडम के बीच प्यार बना रहे और हमें इस तरह के हास्य व्यंग्य रचना पढने को मिलता रहे।😀😃🙏🙏