kumar Deepak "Mani"
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30 Jan 2022 10:32 PM
सही कहा है, सर।
आप जैसी सोच अगर सभी की बन जाय तो क्यूं नही हो सकता है।सादर नमन।
हिंदी को राजभाषा, राष्ट्रभाषा तो दूर हम उसे अपने सामान्य जीवन में उन्नति के लिए भी आवश्यक नहीं समझ पा रहे हैं और अंग्रेजी के प्रति इतना सम्मोहन पैदा हो गया है कि हर कोई बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से ही शिक्षा दिक्षा के लिए आतुर बने हुए हैं! यदि हमारी यह भाषा रोजगार परक बनाई जाती तो शायद इसका मान सम्मान बढ पाता!बस हिन्दी दिवस मनाने तक सीमित रह गया है इसका समाधान। सादर अभिवादन सहित।