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छोटी कलम करती जुलम
भाव बह्ते नरम नरम से
घाव करते मगर गहरे
दिल से निकल कर कसम से

एक अबोध बालक

यकीनन आपका इन्ही काव्यों के द्वारा सम्मान होगा
Ray’s Gupta

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2 Jan 2022 11:26 PM

कलम की ताकत का अनुमान क्या ही कोई लगाएगा ये तो मन के भावों को कोरे कागज पर कुछ पलो में उतार देती हैं

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