सुरेखा कादियान 'सृजना'
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18 Dec 2021 08:52 PM
जी बहुत बहुत शुक्रिया
बहुत बहुत बहुत कितना भी बहुत लिख दु कम पड़ेगा।इतनी अच्छी आपकी ये गज़ल है। बहुत खूब।