ईमानदारी और घुसखोरी इसी फेर में आम नागरिक एवं रसूखदार ने पलीता लगा रखा है, एक लेने को तैयार नहीं एक जेब में नोटों के बंडल लेकर खरीद रहे हैं सब कुछ!वाह री दुनिया! गोलमाल है सब गोलमाल है।
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ईमानदारी और घुसखोरी इसी फेर में आम नागरिक एवं रसूखदार ने पलीता लगा रखा है, एक लेने को तैयार नहीं एक जेब में नोटों के बंडल लेकर खरीद रहे हैं सब कुछ!वाह री दुनिया! गोलमाल है सब गोलमाल है।