सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Author
6 Dec 2021 09:42 PM
बहुत खूब आपको सादर अभिवादन। धन्यवाद सर।
दिल से दिल तक एहसास की राह होती है,
दिलो जाँ से बढ़कर ऱुह में पैव़स्त चाह होती है ,
लाख मुखौटों से छुपा ले ये ज़माना ,
हक़ीक़त तो नज़रों से बयाँ होती है ,
श़ुक्रिया !