सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
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28 Oct 2021 09:16 PM
इतनी विशद टिप्पणी तो यहाँ कतिपय साहित्यिक जन ही करते हैं।लेकिन एक बात है कि तुमने जिस तत्परता से पढा और विचार लिखे,वह भी तो सराहनीय है?
पूर्ण रूप से अलंकृत काव्य पढ़ कर मन प्रफुल्लित हो गया। छोटे – छोटे और महत्पूर्ण अलंकारों का जिस तरीके से प्रयोग किया गया है वह काफी सराहनीय है।
Thank you for posting.