मनोज कर्ण
Author
16 Sep 2021 08:14 PM
सत्य कथन, ये काव्य रचना प्रलय कराने के उद्देश्य से नहीं लिखी गई है, ये रचना बस लोगों को उनके गिरते मानवीय मूल्यों का एहसास दिलाने, एवं सत्कर्मों के पथ पर अग्रसर होने के लिए रची गई है,
वैसे प्रकृति की तरफ से जवाब भी आ गया है जो कि काबिले तारीफ है, राजेश जी को मेरे तरफ से सादर अभिवादन “नहीं करता मैं विश्राम, सृजन ही मेरा काम ____ गीत” के लिए “
16 Sep 2021 08:43 PM
आदरणीय आपने जो सम्मान दिया उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आशा करता हूं आपके परिचय में जो संपर्क नंबर दिए गए हैं कभी उस पर भी वार्ता हो जाए अच्छा लगेगा
रचना तो अच्छी है,
लेकिन,
इसे गाने के बाद, प्रलय का खतरा बढ़ जायेगा,
या प्रलय के बाद इसे गाएगा कौन।