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2 Sep 2021 01:23 AM

वाहह….
अब ज़माना बहुत ही बदल चुका है ।
चाॅंद पे महिलाओं का झंडा गड़ चुका है।
ये बदले ज़माने की गूंज सबको ही सुनाई देगी !
अब ये बदला ज़माना है ना…
औरतों को ही सबसे पहले खिलाएगी !
औरतें अब अपने पैरों पे खड़ी होने लगी हैं !
कहीं ऐसा ना हो ! कि औरतें ही अब पुरुषों पे भारी पड़ जाएगी !! आपने जो इतना सुंदर लिखा है ना…. सब पुरुषों को ही ये सबक सिखला जाएगी !! ??

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2 Sep 2021 05:17 AM

Dhanyawad sir ji

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