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1 Aug 2021 09:00 AM

निज दुख गिरी सम रज करी जाना ।
मित्रक दुख रज मेरु समाना।।
जो न मित्र दुख होई दुखारी।
तिनही बिलोकत पातक भारी।।
मित्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं आदरणीय श्री चतुर्वेदी जी ??

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आपको सादर अभिवादन बधाई शुभकामनाएं

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