सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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3 May 2021 11:24 AM
सर आशा और विश्वास ही ईश्वर है, शायद मानवता इसी श्रद्धा से नैतिक गुण आचरण कर रही है, यही भगवान है। आपको सादर नमस्कार धन्यवाद सर।
सर फूलों को कबूल करने बहुत आसान है सूलों को नही।
और कोई भगवान नही होता ये सब केवल आस्था और विवशता है।
अगर भगवान होता तो सायद लोग सायद इस तरह तड़फ तड़फ कर नही मर रहे होते ।