सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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11 Apr 2021 04:56 PM
सही बात है, पहले समाज एवं बड़ों से बहुत डर लगता था, अब तो कोई नहीं डरता। आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
नैतिकता की बात चली है तो कहना पड़ता है कि अब यह सब बातें किस्से कहानियों में ही सुनने सुनाने के लिए बचे रह गए हैं! सादर प्रणाम, श्री मान जी