Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Apr 2021 02:17 PM

नैतिकता की बात चली है तो कहना पड़ता है कि अब यह सब बातें किस्से कहानियों में ही सुनने सुनाने के लिए बचे रह गए हैं! सादर प्रणाम, श्री मान जी

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

सही बात है, पहले समाज एवं बड़ों से बहुत डर लगता था, अब तो कोई नहीं डरता। आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर

Loading...