आप तो स्वयं उत्तराखंड के रहवासी हैं।
आपसे अधिक प्रकृति को कौन समझेगा। आपने तो प्रकृति के उद्दात रूप से उसके स्वार्थपरक दोहन तक सब कुछ देखा ,सुना ,भोगा है।आप प्रकृति संरक्षण हेतु अपनी लेखनी अनवरत चलाते रहें। प्रकृति के सुंदर भाव चित्रण हेतु बहुत बधाई।
आप तो स्वयं उत्तराखंड के रहवासी हैं।
आपसे अधिक प्रकृति को कौन समझेगा। आपने तो प्रकृति के उद्दात रूप से उसके स्वार्थपरक दोहन तक सब कुछ देखा ,सुना ,भोगा है।आप प्रकृति संरक्षण हेतु अपनी लेखनी अनवरत चलाते रहें। प्रकृति के सुंदर भाव चित्रण हेतु बहुत बधाई।