सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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13 Dec 2020 02:15 PM
आपको सादर प्रणाम धन्यवाद सर
कस्तूरी कुंडल बसे मृग ढूंढे बन माही,
ऐसे घटि घटि राम हैं दुनिया देखें शाही।
आत्मावलोकन की दरकार है!