सुरेश कुमार चतुर्वेदी
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25 Aug 2020 05:53 PM
आपको सादर प्रणाम, आपका हृदय से आभार, धन्यवाद सर।
दैनिक दिनचर्या को साकार रूप में शब्दों में ढालकर वह सब कुछ कह दिया है जिसे हर दिन हर कोई महसूस तो करता है किन्तु अभिव्यक्त नहीं कर पाता, बहुत शानदार रचना है, श्रीमान चतुर्वेदी जी,सादर प्रणाम।