Shyam Sundar Subramanian
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24 Aug 2020 07:36 PM
मैंने अपने लेख में स्पष्ट किया है कि व्यवसाय के लिए हमें जोखिम उठाने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। प्रथम पूंजी की व्यवस्था द्वितीय संसाधनों की आवश्यकता उसके पश्चात आने वाले संकटों और बाधाओं का निराकरण तत्पश्चात व्यवसाय में आने वाली विभिन्न कठिनाइयों अर्थात निवेशित पूंजी का सदुपयोग एवं प्रबंधन मे आने वाली कठिनाइयों का सामना इन समस्त संघर्षों का सामना करने पर ही सफल व्यवसायी बनने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। हमें सकारात्मक सोच से पहल करने की आवश्यकता है यदि हम नकारात्मक सोच लेकर किसी कार्य को निष्पादित करने का प्रयत्न करते हैं तो उसमें अपेक्षित सफलता मिलने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। संघर्ष ही जीवन है बिना संघर्ष के कुछ भी हासिल नहीं होता यह एक अकाट्य सत्य है।
मैं आपके विचार से सहमत भी हूँ और नहीं भी ।यह सत्य है कि व्यवहारिक ज्ञान सर्वोत्तम है । शिक्षित युवा ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत रह कर व्यवसाय कर भी सकते हैं और अधिक से अधिक लोगों की बेरोजगारीता मिटा सकते हैं ।शहर जाकर नौकरी करने की आवश्यकता नहीं होगी ।
व्यवसाय के लिए पूँजी की आवश्यकता होती है ।जो सबों के पास होना कठिन होता है । यदि पूँजी की आपूर्ति हो भी गई तो दबंग लोगों के love letter भी मिलने लगते हैं। आप अपने व्यवसाय सुरक्षित कीजिएगा या अपने और अपने परिवार की जान या? ??? ? ?
धन्यवाद !