गम़े दिल के हालात , ख्व़ाबों की सौग़ात , हुस्ऩ ओ इश्क़ के जज्ब़ात , मैं नहीं लिखता। ज़िंदगी की आंखों देखी और आपब़ीती हक़ीक़त मैं लिखता हूं। मुझे फ़िक्र नहीं ज़माने की बेब़ाक अंदाज़े अल्फ़ाज़ मै लिखता हूं।
श़ुक्रिया !
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गम़े दिल के हालात , ख्व़ाबों की सौग़ात , हुस्ऩ ओ इश्क़ के जज्ब़ात , मैं नहीं लिखता।
ज़िंदगी की आंखों देखी और आपब़ीती हक़ीक़त मैं लिखता हूं।
मुझे फ़िक्र नहीं ज़माने की बेब़ाक अंदाज़े अल्फ़ाज़ मै लिखता हूं।
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