Mamta Singh Devaa
Author
4 Jul 2020 08:09 PM
धन्यवाद ?
धन्यवाद ?
कल जो गुज़र गया अब अपना नहीं है।
कल जो आएगा वह एक सपना ही है।
आज जो है वही तेरा अब अपना है।
इस अपने आज को तू सँवार ले।
हंसी खुशी ये ज़िंदगी गुज़ार ले।
श़ुक्रिया !