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Comments on मेघ गोरे हुए साँवरे
dilipkumar shakya
26 Jul 2016 11:58 PM
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बहुत खूब।
है विरह में कोई रो रहा
भावनात्मक ऊम्दा रचना।
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बहुत खूब।
है विरह में कोई रो रहा
भावनात्मक ऊम्दा रचना।