Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (40)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

अतिसुंदर भावयुक्त संदेशपूर्ण प्रस्तुति !
धन्यवाद !
आपकी प्रस्तुति को मत दे दिया है !
कृपया मेरी प्रस्तुति “प्रेम ” का अवलोकन कर अपना मत प्रस्तुत करें !

5 Feb 2021 12:24 PM

नमस्कार,
आपकी रचना मुझे बहुत अच्छी लगी।
मैंने आपकी रचना को अपना मत दे दिया है। आपसे निवेदन है कि मेरी कविता #सच्चा प्रेम को भी अपना कीमती वोट प्रदान करें। आपके वोट की प्रतीक्षा रहेगी।
धन्यवाद।
-कवि अंकित अग्रवाल

अति सुन्दर रचना। मैंनें आपकी कविता को वोट कर दिया अब आप मुझे वोट देने की कृपा करें ।

5 Feb 2021 08:16 AM

जी। बहुत खूब लिखा आप ने। कृप्या मेरा vote स्वीकारें।
मेरी रचना “दर्द-ए-मुहब्बत” का भी अवलोकन करें। धन्यवाद।

4 Feb 2021 04:08 PM

आदरणीया आपने अभी तक मेरी रचना ” अधूरा पर पूर्ण प्यार” का अवलोकन नहीं किया है। आपकी समीक्षा एवं मत अपेक्षित है। मैंने मत दे दिया है।

4 Feb 2021 02:58 PM

बेहतरीन रचनाओं में से एक

मैंने वोट कर दिया है. आपसे भी एक वोट की आश मेरी कविता को भी है.

बहुत सुंदर ??

बहुत सुंदर सर मैंने वोट कर दिया है आप मेरी रचना को बोट कर अनुग्रहीत करें

बहुत खूब आदरणीय शानदार अभिव्यक्ति वाह वाह वाह मैंने आपको वोट कर दिया है कृपया अपना मत अवश्य व्यक्त करें।

4 Feb 2021 11:16 AM

सुंदर अभिव्यक्ति… मैने वोट कर दिया आप भी मुझे वोट करने का कष्ट करें ?

मेरा दसवां वोट आपके कविता को अग्रेषित.

मैनें वोट कर दिया है, अगर मेरी रचना “प्रेम……किस्तों में” पसंद आए तो कृपया उसे भी अपना बहुमूल्य वोट प्रदान करने की अपार कृपा करेंगे.

4 Feb 2021 10:50 AM

वाह ! बहुत सुंदर रचना पृथ्वी सिंह जी, शुभकामनाएं ? मेरा वोट स्वीकार करें । मेरी कविता, “इश्क़ ” का भी अवलोकन करें, अच्छी लगे तो वोट जरूर करें ?

4 Feb 2021 10:44 AM

बहुत उम्दा आदरणीय। मेरी रचना “अधूरा किन्तु पूर्ण प्यार” का भी अवलोकन करें तथा आपका स्नेहमय वोट अपेक्षित है। Voted

4 Feb 2021 10:33 AM

*प्यार के खत* पृथ्वी सिंह जी सुंदर प्रस्तुति हमारा वोट स्वीकार करें। मेरी रचना लिखे थे हमने तो हजार का अवलोकन कर प्रतिक्रिया दें धन्यवाद।

आद० मैंने आपको वोट कर दिया है अब आप भी मेरी रचना” सभी खत हमारे जलाने लगे हैं” का अवलोकन कर वोट कर दे ????????

??पृथ्वी सिंह बेनीवाल जी?? बहुत सुंदर रचना है आपकी भी । खत अब वास्तव में दर्शन करने को भटक रही है । अब तो केवल ऑफिशियल खत आता है या फिर लिफाफा गैंग का खत आता है । बाकी तो सब व्हाट्सएप, फेसबुक और मैसेंजर से काम चलाता है । खतों के बारे में प्रेमपूर्ण कविता लिखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।
समय निकालकर मेरी कविता पर भी प्रकाश डालें एवं वोट देने की कृपा करें । मैंने आपको वोट दे दिया है । देख लीजिये ।

बहुत बढ़िया सर। मैंने वोट कर दिया है। मेरी रचना साथी तेरा साथ का अवलोकन कर वोट करने की कृपा करें।

वाह! “व्हाट्सएप में आत्मा लटक रही है” बहुत सुंदर रचना। मेरा वोट स्वीकार करें। कृपया मेरी रचना ‘प्रेम’ का अवलोकन करें, मूल्यांकन सादर अपेक्षित है।

Page 2
Loading...