सारगर्भित रचना!!
धन्यवाद !
सच को व्यक्त करती रचना ।
धन्यवाद !
यथार्थ लिख दिया है आपने
धन्यवाद
धन्यवाद !
Wah adbhoot
प्रोत्साहन का धन्यवाद !
दिगभ्रम की परिणति में ऐसा महसूस किया जाता है, कमसे कम मैं तो यही समझता हूं, यदि उपयुक्त न हो तो क्षमा करें,सादर आभार।
त्रासदी के प्रभाव से किंकर्तव्यविमूढ़ स्तिथी दिग्भ्रमित होने का आभास प्रकट करती हैं और जीवन निरर्थक होने का भाव उत्पन्न करती हैं। यहां पर मैंने उस मनोदशा का चित्रण किया है जो एक नकारात्मक अनुभूति है।
एकदम सत्य वचन ?
धन्यवाद !
ओहो लाजबाव साहब वाह क्या बात है
धन्यवाद !
पूर्णरूपेण सत्य है हमने स्वयं ही नियति को निष्ठुर बनाया है ।
धन्यवाद
धन्यवाद !
सुंदर
धन्यवाद !
आधुनिकता में अंतर्मन का सुंदर भाव है आपको नमन।
धन्यवाद !
अच्छी कविता
धन्यवाद !