Comments (124)
3 Nov 2018 01:45 AM
बहुत सुन्दर सृजन
2 Nov 2018 10:02 PM
अति सुंदर रचना
2 Nov 2018 08:10 PM
वाह जी
2 Nov 2018 09:09 PM
धन्यवाद जी
2 Nov 2018 08:06 PM
वाह! लाजवाब मार्मिक व हृदयस्पर्शी रचना।।
पर मान्यवर अंतिम पलों में कुछ अधूरा सा रह गया।
माननीय अन्यथा न ले तो इसे थोड़ा औऱ विस्तृत करें।।?।।
2 Nov 2018 09:32 PM
अवश्य ही पढ़ना चाहूँगा।।
2 Nov 2018 06:51 PM
वाह
2 Nov 2018 06:21 PM
मर्मस्पर्शी रचना
2 Nov 2018 05:39 PM
अति सुंदर रचना, मेरी शुभकामनाएं??
मां जब प्यार करती है तब बच्चे उसे पसन्द नहीं करते एकलव्य जी यही विडम्बना है नियति की।
सत्य कहा आदरणीया ममता जी। रचना वाचन हेतु आपका विशेष आभार। सादर ‘एकलव्य’