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Comments (124)

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9 Nov 2018 06:08 PM

अति सुंदर रचना मेरा वोट आपको और आग्रह है कि मेरी रचना “माँ की कीमत” को भी पढो और आपका मत पड जाय तो आपका आभारी हूँगा।। 31 वा मेरा

13 Nov 2018 01:09 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

9 Nov 2018 02:20 PM

भाई साहब मेरा आशीर्वाद आप प्रतियोगिता जीते …अतिसुन्दर रचना एवं अल्फाज ?

13 Nov 2018 01:09 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

दिल को छू लिया एकलव्य भाई. मेरा वोट आपको.

13 Nov 2018 01:09 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

9 Nov 2018 08:06 AM

मां हम साया , मां का आशीर्वाद बच्चों के साथ हमेशा रहता है , बेहतरीन ……

13 Nov 2018 01:09 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

7 Nov 2018 08:27 AM

धन्यवाद आदरणीय। आपकी रचना भी बहुत सुंदर है। Voted

13 Nov 2018 01:08 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

हृदय को बेधती रचना।।।

13 Nov 2018 01:08 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

6 Nov 2018 05:08 PM

एकलव्य भाई आपकी कविता में ममत्व की पराकाष्ठा को देख मेरा जहन आसुओं से सराबोर हो गया है,बहुत ही अच्छी कविता है।

13 Nov 2018 01:08 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

6 Nov 2018 02:03 PM

सुन्दर रचना मान्यवर

6 Nov 2018 02:13 PM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

6 Nov 2018 11:38 AM

सुंदर प्रस्तुति आदरणीय

6 Nov 2018 12:47 PM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

5 Nov 2018 06:16 PM

Bahut pyari kavita h.apni kavita me apne unko amar kr diya

5 Nov 2018 06:23 PM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

5 Nov 2018 11:07 AM

बहुत सुंदर रचना है।

5 Nov 2018 11:16 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

एकलव्य जी भावयुक्त प्रवाहमयी रचना। हृदय से बधाई।

5 Nov 2018 09:16 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

आपकी रचना ने उस लम्हे का बोध कराया जब माँ चित्त के स्मरण पटल पर अंकित हैं पर उनका साया हमसे दूर है एकलव्य जी यह रचना मर्मस्पर्शी है ।

4 Nov 2018 12:29 PM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

4 Nov 2018 12:04 PM

अति सुंदर, मर्मस्पर्शी रचना जी ।

4 Nov 2018 12:29 PM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

सुंदर

4 Nov 2018 09:34 AM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

माँ से विछोह का मर्मान्तक पीड़ा को अभिव्यक्त करता एक ऐसा शब्दचित्र प्रस्तुत किया है आपने ध्रुव जी कि सम्वेदनशील पाठक की आँखें नम हो जायें। रचना का शब्द-विन्यास और भावपक्ष प्रभावित करने वाला है।

शुभकामनाऐं।

VOTED .

3 Nov 2018 11:11 PM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

बहुत ही मार्मिक भाव है

3 Nov 2018 11:11 PM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

अति सुंदर । सस्नेह बधाई अच्छी रचना के लिए।

वाचन के साथ-साथ वोट भी किया है।

13 Nov 2018 01:13 AM

बहुत-बहुत धन्यवाद !

3 Nov 2018 04:05 PM

बहुत मार्मिक और ममत्व के भाव से भरी कविता

3 Nov 2018 04:07 PM

जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया।

3 Nov 2018 03:00 PM

वाह!!ध्रुव जी ,लाजवाब रचना ।

3 Nov 2018 03:09 PM

आदरणीया शुभा जी प्रणाम,सर्वप्रथम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद जो आपने मेरी रचना का वाचन किया। आपसे विनम्र निवेदन है कि आप किसी भी रचनाकार को ध्यान से अवश्य पढ़े और उनकी रचना की त्रुटियों को बताएं भी और आवश्यक सुधार हेतु उनका मार्गदर्शन करें ! यह हम सभी रचनाकारों की नैतिक ज़िम्मेदारी है। सादर ‘एकलव्य’

3 Nov 2018 03:21 PM

जी ,जरूर ,ध्रुव जी ।

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