बहुत ही सुन्दर पक्तियां। क्या खूब पिता का चित्रण किया है। आपकी शब्दों का चुनाव बड़ा लाजवाब होता है। अति उत्तम रचना पिता पर।
प्रेरक प्रतिक्रिया हेतु बहुत बहुत धन्यवाद!
बहुत सुन्दर, यथार्थवादी रचना। हार्दिक बधाई ।
बहुत बहुत धन्यवाद! नमन्!
बहुत सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद! नमन्!
सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद! नमन्!
अद्भुत
बहुत बहुत धन्यवाद! नमन्!
बहुत बढ़िया… अति उत्तम… भाव से किया आप श्रीने आलेखन…बधाई आपको…धन्यवाद…!!
बहुत बहुत धन्यवाद! नमन्!
सुंदर प्रस्तुति धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद! नमन्!
बहुत ही सुन्दर
बहुत बहुत धन्यवाद! नमन्!
अति सुंदर रचना आपकी मान्यवर, कृपया मेरी रचना शीर्षक ” पिता – नीम की छाँव सा ” को नजर कर अपने विचार साझा करें , धन्यवाद आपका।
जी! अवश्य! बहुत बहुत धन्यवाद!
सुन्दर रचना
बहुत बहुत धन्यवाद!
Nice
Thanks
घोर अंधेरे में भी सवेरा हैै वो, वाह बहुत लाजवाब आकाश जी जिंदाबाद
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय संगम जी!
लाजवाब सर जी
बहुत बहुत धन्यवाद।
लाजवाब है
बहुत धन्यवाद!
Nice
Thanks
Nice
Thanks
बहुत खूब
धन्यवाद!
बहुत खूब, सर
लाजवाब
बहुत बहुत धन्यवाद!
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय
बहुत अच्छी कविता
बहुत बहुत धन्यवाद।