Comments (47)
17 Jun 2022 12:40 PM
Nice
17 Jun 2022 11:27 AM
बहुत ही उम्दा।
17 Jun 2022 09:53 AM
बहुत ही भावपूर्ण रचना। अति सुन्दर प्रस्तुति।
15 Jun 2022 01:22 PM
उत्तम सृजन,SANDEEP JI…..
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा। साभार।
संदीप सागर (चिराग)
Author
17 Jun 2022 08:58 AM
बहुत बहुत आभार धन्यवाद सर
15 Jun 2022 11:48 AM
खखुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता” रचना पढ़कर कृतार्थ करें।
14 Jun 2022 10:47 PM
It is a very beautiful line, it seems that every word of the line is trying to say something.
संदीप सागर (चिराग)
Author
15 Jun 2022 07:40 AM
Thanks dear
14 Jun 2022 07:05 PM
बहुत सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे
संदीप सागर (चिराग)
Author
14 Jun 2022 09:52 PM
धन्यवाद
बिल्कुल पढूंगा
पिता के होने और न होने के एहसास को बखूबी से अपनी कविता में प्रस्तुत किया है अपने,धन्यवाद ।