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Comments (47)

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17 Jun 2022 02:29 PM

पिता के होने और न होने के एहसास को बखूबी से अपनी कविता में प्रस्तुत किया है अपने,धन्यवाद ।

सुन्दर प्रस्तुति

17 Jun 2022 12:40 PM

Nice

17 Jun 2022 11:27 AM

बहुत ही उम्दा।

17 Jun 2022 10:38 AM

दिल को छू लेने वाली सुंदर रचना…..

17 Jun 2022 09:53 AM

बहुत ही भावपूर्ण रचना। अति सुन्दर प्रस्तुति।

उत्तम सृजन,SANDEEP JI…..
यदि समय मिले तो कृपया मेरी रचना ” पिता का साया” का भी अवलोकन करने का कष्ट कीजिएगा। साभार।

बहुत बहुत आभार धन्यवाद सर

15 Jun 2022 11:48 AM

खखुबसूरत रचना।
कृपा”मेरा गुरूर है पिता” रचना पढ़कर कृतार्थ करें।

14 Jun 2022 10:47 PM

It is a very beautiful line, it seems that every word of the line is trying to say something.

14 Jun 2022 07:05 PM

बहुत सुन्दर।मेरी रचना पिता की याद भी पढ़े और अपनी प्रतिक्रिया देकर मुझे कृतज्ञ करे

धन्यवाद
बिल्कुल पढूंगा

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